तुलसी विवाह | Tulsi Vivah
हिंदू धर्म में चातुर्मास में विवाह इत्यादि मंगल कार्य नहीं किए जाते कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की प्रबोधिनी एकादशी से चातुर्मास की समाप्ति हो जाती है और इसी तिथि अथवा द्वादशी से तुलसी विवाह आरंभ हो जाता है और पूर्णिमा तिथि तक शुरू रहता है।
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Tulsi Vivah 2024 |
इस दौरान सभी घरों में जहाँ तुलसी का पूजन किया जाता है वहाँ तुलसी का विवाह श्री कृष्ण के साथ किया जाता है और इसी के बाद घरों में मंगल कार्यों की शुरुआत हो जाती है।
कथा
लक्ष्मी जी के अंश ने तुलसी जी के रूप में पृथ्वीलोक में जन्म लिया और श्री हरि नारायण को अपने पति के रूप में पाने के लिए ब्रह्मा जी की घोर तपस्या की।
ब्रह्मा जी ने उन्हें प्रसन्न होकर आशीर्वाद दिया कि इस जन्म में शंखचूड़ नाम का राजा जो श्री कृष्ण का ही अंश है वह तुम्हें पति के रूप में प्राप्त होगा और अंततः श्री नारायण को अपने पति के रूप में प्राप्त कर लोगी।
नारायण की लीला से तुम्हारे बालों से एक वृक्ष उत्पन्न होगा जिससे तुम तुलसी के वृक्ष के रूप में भारत वर्ष में रहोगी और संपूर्ण विश्व को पवित्र करने की क्षमता तुम में होगी।
पुष्पों में तुम्हारा महत्व सबसे अधिक होगा तुम भगवान विष्णु को प्राणों से भी अधिक प्रिय होगी और तुम्हारे बिना उनकी पूजा अधूरी मानी जाएगी और मेरे वरदान के प्रभाव से तुम वृक्षों की अधिष्ठात्री देवी बनकर श्री कृष्ण के साथ सदा वास करोगी।
तुलसी विवाह करने से क्या फायदा होता है?
जिन लोगों के विवाह में विलंब हो रहा है या जिन लोगों की कुंडलियों में वैवाहिक सुख का अभाव है उन्हें तुलसी विवाह अवश्य करना चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कनक की पुत्री को विधवा होने का दोष था उसने एकादशी के दिन शाम के समय तुलसी विवाह करवाया था और वह इस दोष से मुक्त हो गई थी।
पूजा विधि
भारतवर्ष में तुलसी के पौधे और श्री कृष्ण की प्रतिमा का विवाह कार्तिक महीने में किया जाता है। आइए जानते हैं इसकी पौराणिक पूजा विधि क्या है?
सबसे पहले विष्णुजी की या कृष्णजी की एक प्रतिमा और तुलसी जी की प्रतिमा या पौधे को ले लें उसके पश्चात दोनों प्रतिमाओं की पूजा करके उनके स्तोत्र या मंत्रों द्वारा प्रतिष्ठा कर लें और मंत्रों द्वारा ही भगवान को निद्रा से जगाएँ।
इसके बाद भगवान की प्रतिमा को तुलसी जी के पास लाकर रखें और प्रतिमा को वस्त्रों से सजाएँ और फिर भगवान का यह मंत्र द्वारा आवाहन करें
आगच्छ भगवन देव अर्चयिष्यामी केशव।
तुभ्यं दास्यामि तुलसी सर्वकामप्रदो भव।।
अर्थ: भगवान केशव! आइए, मैं आपकी पूजा करूँगा आपकी सेवा में तुलसी को अर्पित करुँगा आप मेरी सभी इच्छाओं को पूर्ण कीजिए।
इसके बाद भगवान को अर्घ्य प्रदान करें और कांसे के बर्तन में दही और शहद रखकर उसे ढक दें और उसे भगवान को अर्पण कर दे और इस प्रकार कहें: हे वासुदेव आपको नमस्कार है कृपा करके आप इस मधु पार्क को ग्रहण कीजिए।
इसके बाद कृष्ण जी की और तुलसी जी की पंचोपचार से इन मंत्रों द्वारा अलग-अलग पूजा करें।
मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।।
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वृंदावन्यै स्वाहा।।
स्तोत्र
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदिनी कृष्ण जीवनी।।
एतान्नामाष्टकम चैव स्तोत्रम नामार्थ संयुतम् ।
यः पठेत् तां च सम्पूज्य सोऽश्व मेघफलं लभेत।।
क्लिक करें: विस्तृत तुलसी स्तोत्र
सूर्यास्त होने के कुछ क्षण पहले कन्यादान करने का इस प्रकार संकल्प करें और कहें:
आदि, मध्य और अंत से रहित तीनों लोकों के पालनहार परमेश्वर इस तुलसी को विवाह-विधि से पत्नी के रूप में ग्रहण कीजिए यह पार्वती के अंश से उत्पन्न हुई है वृंदा की भस्म इसमें हमेशा विद्यमान रही है जो आदि, मध्य और अंत से परे है।
आपको तुलसी बहुत ही अधिक प्रिय है और यही कारण है कि मैं तुलसी जी को आपको अर्पित करता हूँ। मैंने इसे जल से सिंचकर और अनेक प्रकार से देखभाल करके इसे बड़ा किया है और अपनी कन्या की तरह ही इसे पाला पोसा है आपकी प्राण प्रिया तुलसी मैं आपको ही दे रहा हूँ कृपया इसे ग्रहण कीजिए।
इस तरह तुलसी का दान करके विवाह के मंत्रों द्वारा श्री कृष्ण के साथ तुलसी जी का विवाह संपन्न करें और विवाह उत्सव मनाएँ। नैवेद्य आरती करने के बाद प्रसाद वितरण करें।
अगले दिन कृष्ण जी और तुलसी जी की पूजा करने के बाद हवन करें और अंत में क्षमा प्रार्थना करें कि हे ईश्वर मैंने अपनी शक्ति अनुसार यह पूजन एवं व्रत किया है यदि इसमें कोई कमी रह गई हो तो उसे पूर्ण करें एवं क्षमा प्रदान करें।
इसके बाद भगवान की प्रतिमा का विसर्जन करें और उनसे प्रार्थना करें कि हे प्रभु आप देवी तुलसी के साथ वैकुंठ पधारे और मेरे द्वारा यथाशक्ति की गई पूजा को स्वीकार करें इस प्रकार विसर्जन के पश्चात मूर्ति आदि आचार्य को दान करें।
Q1. तुलसी विवाह 2024 कब है ?
A1. 12 नवंबर 2024 से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक यानी
15 नवंबर 2024 तक है।
Q2. तुलसी का विवाह किसके साथ किया जाता है?
A2. तुलसी जी का विवाह श्री कृष्ण जी के साथ किया जाता है।
Q3. तुलसी विवाह का क्या महत्व है?
A3. हिंदू धर्म में तुलसी विवाह के उपरांत ही मंगल कार्यों की शुरुआत की जाती है और शादियों की शुरुआत हो जाती हैं।
Q4. तुलसी विवाह किस महीने में किया जाता है?
A4. हिंदू पंचांग के अनुसार तुलसी विवाह कार्तिक महीने में किया जाता है।
Q5. तुलसी जी का मंत्र कौन सा है?
A5. श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वृंदावन्यै स्वाहा।
Q6. तुलसी विवाह कब से शुरू किया जाता है?
A6. तुलसी विवाह कार्तिक एकादशी से प्रारंभ होता है।
nice information ... If I am not wrong about this, Tulsi vivaha is on 20th of this month so this information would be helpful :) thanks for sharing
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