मकर संक्रांति 2020
परिचय
एस्ट्रो आर्टिकल के सभी पाठकों को मकर संक्रांति 2020 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। पाठकों पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी क्योंकि इस बार भी सूर्य देव 14 जनवरी रात लगभग 2:00 बजे के आसपास धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए संक्रांति का पुण्य काल अगले दिन यानी 15 जनवरी को दिन भर रहेगा और इस दिन मकर संक्रांति भी मनाई जाएगी।
मुहूर्त
15 जनवरी 2020
इस वर्ष 15 जनवरी को सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक मकर संक्रांति का पुण्य काल रहेगा और विशेष पुण्य काल सूर्योदय से दोपहर के 12:30 बजे तक यानी लगभग 5 से 6 घंटे तक रहेगा और इसी समय में हमें सूर्य को अर्घ देना और बाकी मंत्रों का जाप करना चाहिए तथा अपराह्न काल शुरू होने पर पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए।
संक्रांति का आगमन
इस वर्ष मकर संक्रांति पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में तैतिल करण में शोभन योग में मंगलवार के दिन पंचमी तिथि को हो रही है। यह संक्रांति हल्के गुलाबी वस्त्र धारण कर गधे पर बैठकर हाथ में दंड लिए हुए मिट्टी का लेप लगाकर पकवान का भक्षण करते हुए आएगी और उसने गोपी चंदन का तिलक लगाया हुआ है। यह संक्रांति युवा है हंसती हुई है तथा जाति से यह पक्षी होगी तथा इसके हाथ में केतकी का फूल होगा। इस संक्रांति का नाम महोदरी और घोरा है।
यह संक्रांति रात्रि के तीसरे प्रहर में होने के कारण जो लोग नृत्य करते हैं या रंगकर्मी है जो नाटक में काम करते हैं या नाचने के काम से किसी भी तरह जुड़े हुए हैं उन लोगों के लिए थोड़ी कष्टदायी होगी।
यह संक्रांति मेहनत मजदूरी एवं अपने हाथों से परिश्रम कर आजीविका चलाने वालों के लिए शुभ रहेगी यह संक्रांति तैतिल करण में हो रही है इसलिए सूर्य सोते हुए एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण करेंगे इस कारण अन्नादी के भाव बढ़ने की संभावना है।
पाठकों आप सोच रहे होंगे की संक्रांति और हमारे जीवन में क्या संबंध है तो आइए जानते हैं की इस वर्ष आ रही संक्रांति किसके लिए लाभकारी और किसके लिए कठिन होगी।
जैसे कि हमने जाना कि इस बार की संक्रांति का वाहन गधा है इसका अर्थ यह है कि पशुओं में गधों को समस्या होगी तथा जो मनुष्य गधों का उपयोग करके अपनी जीविका चलाते हैं उन्हें भी समस्या हो सकती है क्योंकि ग्रंथों में ऐसा दिया गया है कि संक्रांति जिस वाहन पर आती है जो पकवान खाती है जिसका भक्षण करती है उससे जुड़ी हुई सभी चीजों पर संकट आता है।
जैसे कि इस बार संक्रांति ने मिट्टी का लेप लगाया हुआ है इसका अर्थ ऐसा है कि जो लोग मिट्टी के बर्तन गमले आदि बनाने का कार्य करते हैं उनके लिए भी यह महीना थोड़ा सा कठिन रहेगा। इस बार यह संक्रांति पकवान का भक्षण करते हुए आ रही है इसका मतलब जो लोग पकवान बनाने के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं उन लोगों के लिए भी यह समय थोड़ा कठिन होगा।
जन्म नक्षत्र अनुसार शुभ अशुभ फल
जन्मनक्षत्र संक्रांति परिणाम
मघा, पूर्वाफाल्गुनी,उत्तराफाल्गुनी यात्रा
हस्त, चित्रा, स्वाति सुख प्राप्ति
विशाखा, अनुराधा,जेष्ठा। सुख प्राप्ति
मूल, पूर्वाषाढ़ा,उत्तराषाढ़ा। रोग
श्रवण, धनिष्ठा,शतभिषा। वस्त्र प्राप्ति
पूर्वभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती वस्त्र प्राप्ति
अश्विनी, भरणी,कृत्तिका। नुक्सान
रोहिणी, मृगशिरा,आर्द्रा धनप्राप्ति
पुनर्वसु, पुष्य,अश्लेशा धनप्राप्ति
संक्रांति का महत्त्व
पाठकों इससे पहले भी मकर संक्रांति और उसके महत्व के बारे में इस ब्लॉग में 2 आर्टिकल लिखे जा चुके हैं, अगर आप मकर संक्रांति पर की जाने वाली पूजा विधि के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे पिछले आर्टिकल मकर संक्रांति 2019 की लिंक पर क्लिक कीजिए और वहां से पूजा विधि की संपूर्ण जानकारी आपको मिल जाएगी इस आर्टिकल लिंक नीचे दी जा रही है
क्लिक करें : मकर संक्रांति 2019
एक और आर्टिकल में मकर संक्रांति की के दिन किए जाने वाले महा उपायों के बारे में भी संपूर्ण जानकारी दी गई है उसे जानने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक कीजिए अपनी क्षमता अनुसार उन उपायों को जरूर कीजिए
क्लिक करें : मकर संक्रांति के महा उपाय