कार्तिक पूर्णिमा व्रत | Kartik Purnima Vrat
कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए ?
स्नान
दीपदान
तुलसी पूजन
गर्म कपड़े और अन्न दान
Kartik Purnima 2024 Date is :
15th of November 2024, Friday
कार्तिक पूर्णिमा 2024 तिथि और मुहूर्त:
कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर 2024, शुक्रवार को है।
कार्तिक पूर्णिमा पर पूजा कैसे करें ?
इस दिन प्रातः काल उठकर स्नान आदि से मुक्त होकर श्री हरि विष्णु का पूजन करना चाहिए और घर के दरवाजे पर आम के पत्रों से बनी बंदनवार लगानी चाहिए।
भगवान विष्णु के निमित्त घर में सत्य नारायण की कथा करवानी चाहिए। पूरी श्रद्धा और भक्ति से कथा सुननी चाहिए और उस वक्त मन को शुद्ध रखना चाहिए बिना भक्ति भाव के कथा सुनने से उसका कोई फल प्राप्त नहीं होता।
कार्तिक महीने में तीर्थ स्थान में स्नान करने का बहुत अधिक पुण्य बताया गया है। लेकिन यदि किसी कारणवश कोई इन तीर्थ स्थानों पर ना जा सके तो घर में ही नहाने के पानी में तुलसी के पत्ते और आंवला डाल लेना चाहिए इससे वह गंगाजल के समान पवित्र हो जाता है और इस जल से नहाने से गंगाजी में नहाने का पुण्य घर पर ही मिल जाता है।
नोट: पूर्णिमा के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए इसलिए एक दिन पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ कर रख लें।
पूर्णिमा तिथि को दान होम और जप करना बहुत ही अच्छा होता है इस दिन अपनी क्षमता अनुसार जरूरतमंदों को कंबल, गर्म कपड़े या अन्न का दान करना चाहिए अगर आपके पास कोई गुरु मंत्र हो तो उसका भी इस दिन अवश्य जाप करना चाहिए क्योंकि इस दिन किए हुए दान, पुण्य और जप का फल अक्षय हो जाता है।
इस दिन दीपदान करने का भी बहुत अधिक महत्व है अश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी या पूर्णिमा के दिन से जो आकाशदीप देने की शुरुआत की जाती है वह इस तिथि पर आकाशदीप देकर पूर्ण की जाती है।
इस तिथि पर मुख्य रूप से विष्णु जी को, पितरों को, तुलसी को आकाशदीप देना चाहिए। पहले भगवान विष्णु की तुलसी दल अर्पित करके पूजा करनी चाहिए। उसके पश्चात एक दीपक लेकर उसमें तिल का तेल भरे और नीचे लिखे गए मंत्र से आकाश दीप देना चाहिए।
विष्णु दीपदान मंत्र
दामोदराय विश्वाय विश्वरूपधराय च।
नमस्कृत्वा प्रदास्यामी व्योमदीपम हरिप्रियम।।
अर्थ: मैं सर्वस्वरूप और विश्वरूपधारी भगवान दामोदर को नमन करके यह आकाशदीप देता हूँ जो उन्हें बहुत अधिक प्रिय है।।
एक दीपक में तिल का तेल लेकर नीचे लिखे गए मंत्र द्वारा पितरों के लिए आकाशदीप दें।
पितरों का दीप दान मंत्र
नमः पितृभ्यः प्रेतेभ्यो नमो धर्माय विष्णवे।
नमो यमाय रुद्राय कांतारपतये नमः।।
अर्थ: पितरों को नमस्कार है प्रेतों को नमस्कार हैं धर्म रूप विष्णु जी को नमस्कार है।
यमराज को नमस्कार है कठिन रास्तों पर रक्षा करने वाले भगवान रूद्र को नमस्कार है।।
इस मंत्र से जो अपने पितरों के लिए दीपदान करते हैं उनके पितर यदि बुरे कर्मों के कारण नरक में भी फंसे हुए हो तो भी उन्हें सद्गति प्राप्त होती है। इस दिन मृत्यु के देवता यम के लिए भी दक्षिण दिशा में दिया लगाना चाहिए।
इसी प्रकार तुलसी स्तोत्र या नामाष्टक का पाठ करके तुलसी के नीचे भी दिया लगाना चाहिए। श्रीमद् देवी भागवत पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में वर्णित कथा के अनुसार तुलसी जी का जन्म इसी तिथि को हुआ था।
तुलसी मंत्र
तुलसी स्तोत्र
कार्तिकीपूर्णिमाया च तुलस्या जन्म मङ्गलम् ।
तत्र तस्याश्च पूजा च विहिता हरिणा पुरा ॥॥
तस्यां यः पूजयेत्तां च भक्त्या च विश्वपावनीम् ।
सर्वपापाद्विनिर्मुक्तो विष्णुलोकं स गच्छति ॥॥
तत्र तस्याश्च पूजा च विहिता हरिणा पुरा ॥॥
तस्यां यः पूजयेत्तां च भक्त्या च विश्वपावनीम् ।
सर्वपापाद्विनिर्मुक्तो विष्णुलोकं स गच्छति ॥॥
अर्थ: कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी जी का मांगलिक जन्म हुआ था और सर्वप्रथम श्री नारायण ने इसी दिन उनकी पूजा की थी।
इसलिए जो इस पूर्णिमा तिथि को भक्ति भाव से उस विश्वपावनी की पूजा करता है वह सभी पापों से मुक्त होकर विष्णु लोक को चला जाता है।
इस दिन माता लक्ष्मी के सामने तिल के तेल का दीपक जलाकर लक्ष्मी स्तोत्र, कनकधारा स्तोत्र अथवा श्री सूक्त का पाठ करके स्तुति करनी चाहिए यह महालक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का उपाय है।
कार्तिक पूर्णिमा व्रत और पूजा करने से क्या फायदा होता है
- भगवान श्री हरि विष्णु लक्ष्मी जी और तुलसी जी की कृपा प्राप्त होते हैं।
- अन्ना और कपड़ों का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती हैं।
- हमारे पितरों को शांति एवं सद्गति प्राप्त होती हैं।
- हमारी कुंडली में शुक्र ग्रह और चंद्र ग्रह मजबूत होता है।
- सत्यनारायण की कथा और श्री सूक्त का पाठ करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी प्रसन्न होते हैं।
- जिस परिवार में या जिसके कुंडली में पित्र दोष होता है उसका पितृदोष कम हो जाता है।
FAQ's for Kartik Purnima 2023 date
Q1. कार्तिक पूर्णिमा 2024 कब की है।
A1. कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर 2024 को है।
Q2 कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करना चाहिए?
A2. कार्तिक स्नान, दीपदान और तुलसी जी की पूजा करनी चाहिए।
Q3. कार्तिक महीने में किसकी पूजा करनी चाहिए?
A3. कार्तिक महीने में विष्णु जी लक्ष्मी जी और तुलसी जी की पूजा करनी चाहिए।
Q4. कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान कैसे करना चाहिए ?
A4. अगर संभव हो तो किसी तीर्थ स्थान पर जाकर नदी में स्नान करना चाहिए अन्यथा घर में ही नहाने के पानी में तुलसी के पत्ते और आंवला डालकर साल करना चाहिए।
Q5. कार्तिक पूर्णिमा पर पूजा कैसे करें ?
A5. सबसे पहले नहाकर विष्णु जी को तुलसी अर्पित करें शाम के समय तिल के तेल से दीप दान करें और फिर तुलसी नाम अष्टक का पाठ करें।
Q6. कार्तिक पूर्णिमा पर पितृ दोष का कौन सा उपाय करें?
A6. कार्तिक पूर्णिमा पर पितरों के लिए दीप दान करने से पितरों को शांति सद्गति और मुक्ति मिलती है।
Q7. कार्तिक पूर्णिमा पर क्या नहीं करना चाहिए?
A7. कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए।
खूप छान माहीती 🙏🙏
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