अक्षय तृतीया 2025 | Akshaya tritiya 2025
नमस्कार, आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से अक्षय तृतीया के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। पाठकों अक्षय तृतीया वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष मैं आने वाली तीसरी तिथि को कहते हैं भारत के कई भागों में इसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं वैशाख महिना विष्णु जी को बहुत ही अधिक प्रिय है और इसी महीने में पड़ने वाली इस तिथि को भी बहुत ही पावन तिथि माना गया है।
अक्षय तृतीया का महत्व क्या है
आइए अब हम अक्षय तृतीया के महत्व के बारे में जानते हैं। प्रिय पाठको साल भर में साढ़े तीन मुहूर्त ऐसे होते हैं जिस समय कोई भी शुभ कार्य बिना पंचांग देखे किया जा सकता है और अक्षय तृतीया का दिन भी उन साढे तीन मुहूर्तों में से एक है। यानी इस दिन कोई भी अच्छा कार्य करने के लिए हमें पंचांग देख कर निर्णय करने की जरूरत नहीं होती इसलिए अक्षय तृतीया विवाह मुहूर्त पर बहुत अधिक संख्या में सामूहिक विवाह होते हैं।
Akshaya tritiya 2025 date and time :
30 April 2025, Wednesday
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Akshay Tritiya Image |
अक्षय तिथि कब है 2025 में?
वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि
30 अप्रैल 2025 दिन शुक्रवार को है।
अक्षय तृतीया का दिन इतना पावन क्यों माना जाता है इस बात पर थोड़ा गौर करते हैं, सबसे पहले तो इसकी महत्ता इस बात से ही बढ़ जाती है कि यह तिथि वैशाख मास में आती है जिसमें कोई भी किया गया दान, जप, तप और मानवता की भलाई के लिए किया गया अच्छा काम हजारों गुना पुण्य प्रदान करता है खास करके जब इस दिन पर कृतिका नक्षत्र विद्यमान हो।
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह तिथि एक युगादि तिथि है जिसका मतलब होता है कि इस दिन पर एक युग की शुरुआत हुई थी। भविष्य पुराण और मत्स्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सतयुग की शुरुआत हुई थी इसलिए यह तिथि हजारों पापों का नाश करने में सक्षम है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन किया गया कोई भी काम जैसे जप-तप, होम, हवन, तर्पण यह सभी अक्षय पुण्य प्रदान करते हैं। अक्षय का अर्थ होता है जिसका की क्षय (अंत) ना हो सके। इसलिए इस कारण से भी इस तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है।
इसी दिन प्रदोष काल में विष्णु जी के अवतार भगवान परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। ऐसा माना गया है कि इस एक तृतीया को व्रत एवं उपवास करने से साल भर की सभी तृतीया तिथियों की पूजा करने का पुण्य मिल जाता है और पूजा करने वाले की संतान दीर्घायु हो जाती है और उसे राजसूय यज्ञ करने का फल भी मिलता है।
अक्षय तृतीया के दिन क्या करना चाहिए
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें अक्षय तृतीया के दिन कौन-कौन से काम करने चाहिए जिससे कि हमें ईश्वर की कृपा के साथ साथ पुण्य भी प्राप्त हो। तो आइए जानते हैं ऐसे कौन से कार्य हैं जिसे करने से हमें ईश्वर की असीम कृपा मिलेगी:
- देव तर्पण
- पितरों के लिए श्राद्ध
- पितृ तर्पण
- अन्नदान
- वस्त्र दान
- जल दान
- जल पात्र का दान, छतरी का दान, जूते का दान
- मंत्र जाप
पाठकों इस तिथि के दिन हमें देवताओं के लिए तर्पण करना चाहिए जिसके लिए हमें थोड़े से सफेद तिल और पानी की आवश्यकता होती है। इस दिन देवताओं के लिए तर्पण करना बहुत ही अधिक शुभ माना गया है जो हमें ईश्वर की कृपा दिलाता है।
अक्षय तृतीया के दिन हमें अपने दिवंगत पितरों के लिए अपिण्डक श्राद्ध करना चाहिए ऐसा करने से हमारे पितरों को ना सिर्फ शांति प्राप्त होगी बल्कि हमारे जो पितर मृत्युलोक में किसी भौतिक इच्छा के कारण भटक रहे होते हैं उन्हें सद्गति भी मिलती है।
यदि हमारी कुंडली में पितृदोष है तो उसमें भी हमें राहत मिलती है साथ ही साथ श्राद्ध के बाद हमें अपने पितरों के निमित्त जल और काले तिल लेकर तिल तर्पण भी करना चाहिए। अगर किसी कारण से आप श्राद्ध करने में असमर्थ हैं तो कम से कम तर्पण अवश्य करना चाहिए या हमें अपने पितरों के नाम से खाने की सामग्री का दान कर देना चाहिए जो कि श्राद्ध के ही बराबर है।
अक्षय तृतीया दान | akshay tritiya ke dan
अक्षय तृतीया के दिन क्या दान करना चाहिए?
जैसा कि हम जानते हैं भारतवर्ष में जब वैशाख का महीना चल रहा होता है तब बहुत तेज गर्मी पड़ रही होती है। इसलिए ऐसा कहा गया है कि अक्षय तृतीया के दिन हमें जल से भरा घड़ा दान करना चाहिए या धूप से बचने के लिए छतरी का भी दान करना चाहिए।
अगर हमें कोई राहगीर मिल जाए जिसके पास चप्पल या जूते ना हो तो ऐसे व्यक्ति को भी हम चप्पल अथवा जूते दान कर सकते हैं या चटाई का दान कर सकते हैं। ऐसा भी बताया गया है कि जो शाम के समय प्यासे लोगों को शरबत का दान करता है उसके पितरों को अमृत पान के बराबर तृप्ति प्राप्त होती है।
पाठकों हमें एक बात समझ लेनी चाहिए की कोई भी दान हमें स्वेच्छा से और अपने सामर्थ्य के अनुसार करना चाहिए। यहां पर जो भी दान बताए गए हैं वह सभी ऐसे व्यक्ति को करना चाहिए जिसे उसकी अत्याधिक आवश्यकता हो और साथ ही दान करते समय हमें अपने मन में किसी प्रकार का गर्व और अहंकार की भावना नहीं रखनी चाहिए। यह सभी दान इस प्रकार बताए गए हैं ताकि गर्मी के समय में जरूरतमंद लोगों को गर्मी से बचने के लिए आवश्यक वस्तुएं प्राप्त हो सके जिससे जनकल्याण भी हो और आपको अच्छे कर्म का अनेकों गुना पुण्य प्राप्त हो
अक्षय तृतीया की पूजा विधि
अक्षय तृतीया की पूजा कैसे की जाती हैं?
इस दिन हमें भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा आराधना करनी चाहिए उसके लिए हमें प्रात काल सूर्योदय के समय उठना चाहिए और नहाने के बाद भगवान विष्णु की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि श्री हरि विष्णु की मूर्ति को जल से नहला कर उनकी फूलों से पूजा करना ही पर्याप्त है। अगर कोई भी मनुष्य सच्चे मन से उन्हें जल अर्पण कर दें तो उसे पूजा करने का पूरा पुण्य मिल जाता है।
सबसे पहले पूजा के स्थान पर एक अष्टदल कमल बना ले और उसके ऊपर श्री हरि विष्णु के लिए एक आसन रख दे इसके बाद पानी में चंदन केसर और कपूर आदि मिला लें और फिर इस सुगंधित पानी से भगवान को नहलाए और फिर उन्हें यज्ञोपवीत, वस्त्र, पुष्प, तुलसी दल आदि अर्पण करें और धूप-दीप जलाएं।
मत्स्य पुराण में ऐसा दिया गया है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की अक्षत के द्वारा पूजा करनी चाहिए और इसी कारण से भी इस दिन को अक्षय कहा गया है क्योंकि बाकी दिनों पर भगवान विष्णु की अक्षत द्वारा पूजा नहीं की जाती।
नैवेद्य के रूप में उन्हें खीर, मालपुए, पूरी, लड्डू आदि अर्पण करें।
इसके बाद भगवान श्री हरि विष्णु के अष्टाक्षर मंत्र का यथासंभव जप करें या कम से कम एक सौ आठ बार जाप करें
मंत्र
ॐ नमो नारायणाय।।
फिर कपूर आरती करने के बाद सबको प्रसाद बांट दे।
अक्षय तृतीया व्रत कथा
एक बार एक धर्म नाम के वनिक ने कथा सुनी कि अगर वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष में तृतीया तिथि को बुधवार के साथ साथ रोहिणी नक्षत्र भी विद्यमान हो तो उस दिन किया हुआ कोई भी दान अक्षय हो जाता है।
यह कथा सुनने के बाद उसने सबसे पहले गंगा नदी में जाकर अपने पितरों के लिए जल तर्पण किया उसके बाद अलग-अलग घड़ों में जल, अन्न, गेहूं, चना, गुड़, सत्तू आदि का दान किया। उसकी पत्नी हमेशा ही उसे यह सब दान करने से रोका करती थी पर उसने दान करना बंद नहीं किया कुछ समय बाद उसकी मृत्यु हो गई।
उसका अगला जन्म द्वारका के राजा के रूप में हुआ, अक्षय तृतीया को किए गए दान के कारण अगले जन्म में उसके राज्य में धन और ऐश्वर्या की कोई कमी नहीं हुई और उसने अगले जन्म में भी इसी तरह से दान करना शुरू रखा और उसके राज्य में कभी किसी वस्तु की कमी नहीं हुई।
इस दिन हमें किसी की भी बुराई नहीं करनी चाहिए झूठ नहीं बोलना चाहिए किसी को कष्ट नहीं देना चाहिए और ना ही किसी से धन उधार लेना चाहिए अन्यथा यह सब बुरे कर्मों का फल भी कभी नष्ट नहीं हो पाएगा। इसलिए जितना हो सके अच्छे से अच्छे कर्म करने का प्रयास करना चाहिए।
Akshya tritiya benefits in Hindi | अक्षय तृतीया के लाभ
- अक्षय तृतीया के दिन किया हुआ कोई भी अच्छा काम अक्षय फल देता है जिसका अच्छा फल समय के अंत तक रहता है।
- अक्षय तृतीया साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में से एक है इसलिए इस दिन कोई भी नया काम शुरू करने के लिए किसी मुहूर्त की जरूरत नहीं होती।
- अक्षय तृतीया तिथि एक युगादि तिथि है और इस दिन सतयुग की शुरुआत हुई थी।
- अक्षय तृतीया की तिथि पितरों से जुड़े हुए काम जैसे कि श्राद्ध और तर्पण करने के लिए बहुत ही अच्छी तिथि है।
- इस दिन छोटे से छोटा दान भी कई गुना फल देता है।
- अक्षय तृतीया का दिन विवाह करने के लिए बहुत ही शुभ दिन है और सामूहिक विवाह के लिए अक्षय तृतीया विवाह मुहूर्त अति उत्तम है।
- अक्षय तृतीया व्रत में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सुख शांति समृद्धि और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
FAQ's on Akshay tritiya
Q1. अक्षय तृतीया तिथि कब है?
A1. अक्षय तृतीया 2025, 30 अप्रैल 2025 बुधवार को है।
Q2. अक्षय तृतीया के दिन क्या खरीदना चाहिए?
A2. अक्षय तृतीया के दिन सोना और चांदी खरीदना चाहिए ऐसी मान्यता है कि आखा तीज के दिन खरीदा गया सोना लंबे समय तक घर में रहता है पर एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि इस दिन जो भी खरीदा वह अपने पैसे से खरीदे उधार लेकर नहीं।
Q3. अक्षय तृतीया को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
A3. अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा करनी चाहिए। अपने पितरों का श्राद्ध और तर्पण करना चाहिए और उनके लिए दान भी देना चाहिए। अक्षय तृतीया के दिन किसी से भी कुछ भी उधार नहीं लेना चाहिए। अक्षय तृतीया के दिन कोई भी बुरा काम या पाप नहीं करना चाहिए क्योंकि उस पाप कर्म का फल भी कभी खत्म नहीं होता।
Q4. अक्षय तृतीया पर किसकी पूजा करनी चाहिए?
A4. अक्षय तृतीया के दिन श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
Q5. अक्षय तिथि क्या है?
A5. जिसका क्षय ना हो सके वह अक्षय है ऐसी तिथि जिस तिथि पर किया गया कोई पुण्य अक्षय हो जाता है उसे अक्षय तिथि कहते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तिथि माना गया है।
Q6. अक्षय तृतीया पर क्या बनाया जाता है?
A6. महाराष्ट्र में अक्षय तृतीया पर आम का रस, आम का पना, पापड़ आदि बनाया जाता है। भारत के कुछ और राज्यों में खीर, मालपुआ, पूरी और लड्डू भी बनाए जाते हैं जिससे विष्णु जी को भोग लगाया जाता है।
Q7. परशुराम जयंती 2025 कब है?
A7. परशुराम जयंती 29 अप्रैल 2025 को है।
Q8. What we should not do on Akshaya tritiya?
A8. You should not do bad deeds on Akshaya tritiya we should not take a new loan on Akshaya tritiya.
Q9. What we should do on Akshaya tritiya?
A9. We should worship lord Vishnu and Mata Lakshmi to get their blessings and we should also perform rituals like shraddh and tarpan, which are mentioned in Hindu text, for our ancestors so that day will get salvation so that we will be free from any ancestral curse that is pitru Dosha.
Bhupesh Ji, thanks for sharing such a detailed and informative article.
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