श्री स्वामी समर्थ तारक मंत्र
प्रिय पाठकों आप सब को मेरा बहुत-बहुत नमस्कार और नए वर्ष की शुभकामनाएं भी प्रिय पाठकों आज मैं आपके साथ एक ऐसा मंत्र शेयर करने जा रहा हूं जो अत्यंत ही प्रभावशाली है आज मैं श्री स्वामी समर्थ जिन्हें की श्री अक्कलकोट स्वामी के नाम से भी जाना जाता है उनके तारक मंत्र के बारे में बताने जा रहा हूं । दोस्तों श्री स्वामी समर्थ जी को भगवान दत्तात्रेय के तीसरे अवतार के रूप में जाना जाता है उनकी ख्याति पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध है।
हम जीवन में जब कभी भी बहुत निराश हो जाते हैं और हमें कोई मार्ग नहीं नजर आता उस समय हमें श्री स्वामी समर्थ की शरण में जाना चाहिए और उसका सबसे सरल तरीका यही है कि हमें उनके तारक मंत्र का जाप करना चाहिए। यह तारक मंत्र स्वामी द्वारा हमें दिया गया एक अद्भुत मंत्र है जो बड़े से बड़े संकट या समस्या को दूर करने में सक्षम है और इस मंत्र का लगातार जाप करने से हमें स्वामी की कृपा बहुत सरलता से प्राप्त हो जाती है आइए जानते हैं कि इस मंत्र में क्या बताया गया है।
॥ श्री स्वामी समर्थ ॥
निशंक होई रे मना निर्भय होई रे मना
प्रचंड स्वामी बळ पाठीशी नित्यं आहे रे मना
अतर्क्य अवधूत हे स्मरणगामी
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी ।।
जिथे स्वामी चरण तिथे न्यून काय
स्वये भक्त प्रारब्ध घडवी हि माय
आज्ञेविना काळ ही ना नेई त्याला
परलोकीही ना भिती तयाला
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी ।।
उगाचि भितोसी भय हे पळु दे
वसे अंतरी ही स्वामी शक्ती कळू दे
जगी जन्म मृत्यू असे खेळ ज्यांचा
नको घाबरू तू असे बाळ त्यांचा
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी ।।
खरा होई जागा श्रद्धेसहीत
कसा होसी त्याविण तू स्वामी भक्त
आठव कितीदा दिली त्यांनीच साथ
नको डगमगू स्वामी देतील हात
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी ।।
विभूती नमननाम ध्यानादितीर्थ
स्वामीच या पंचामृतात
हे तीर्थ घेई आठवी रे प्रचिती
न सोडिती तया जया स्वामी घेती हाती
अशक्य ही शक्य करतील स्वामी ।।
।।श्री स्वामी चारनारविंदार्पणमस्तु।।
लेखन और संपादन
श्री भूपेश सावरकर(सशुल्क ज्योतिष और वास्तु शास्त्र सलाहकार)मो. 9371257665
श्री स्वामी समर्थ तारक मंत्र हिंदी अर्थ सहित :
इस मंत्र के पहले भाग में यह बताया गया है कि स्वामी कहते हैं कि अपने मन से किसी भी प्रकार के शक को निकाल दो और निर्भय हो जाओ जो कोई भी इस मंत्र का जाप करता है उसके पीछे श्री स्वामी समर्थ की अपार शक्ति होती है जो उसे किसी भी संकट से बचाने मैं सक्षम है इसमें ऐसा कहा गया है कि अशक्य ही शक्य करतील स्वामी हिंदी में इसका अर्थ होता है कि स्वामी असंभव को भी संभव कर सकते हैं हमें बस पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ इस मंत्र का रोज जाप करना चाहिए।
दूसरे अंतरे में बताया गया है कि जहां पर स्वामी के चरण कमल होते हैं वहां पर कुछ भी हो ना असंभव नहीं है जिनकी आज्ञा के बिना काल भी किसी को ले जा नहीं सकता ऐसे श्री स्वामी समर्थ अपने भक्तों के प्रारब्ध को बदलने की क्षमता रखते हैं तथा जो भी पूरी आस्था के साथ स्वामी की भक्ति करता है उसे इस लोक और परलोक दोनों में ही डरने की जरूरत नहीं है।
तीसरे अंतरे में ऐसा कहा गया है कि अपने मन से किसी भी प्रकार के डर को दूर कर देना चाहिए और अपने अंदर बसी हुई स्वामी की शक्ति को पहचानिए जन्म और मृत्यु श्री स्वामी समर्थ जी के हाथों की कठपुतलियां है इसलिए उनकी शरण में जाने वाले को घबराने की जरूरत नहीं है जिस प्रकार एक मां अपने बच्चे की रक्षा करती है उसी प्रकार स्वामी जी भी अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
जब तक हम अपने मन में स्वामी जी के प्रति श्रद्धा को नहीं जगाते तब तक हम स्वामी भक्त कैसे हो सकते हैं हमें याद करके देखना चाहिए कि स्वामी जी ने हमें अनेकों बार संकट से बाहर निकाला है और हमें डगमगाने की जरूरत नहीं है क्योंकि स्वामी हमेशा ही हमारा हाथ थाम लेंगे और हमें संकट से बाहर निकालेंगे।
स्वामी जी का नाम स्मरण,प्रार्थना, उनका ध्यान, तीर्थ तथा विभूति को हमेशा पंचामृत के समान समझना चाहिए जो भी व्यक्ति स्वामी जी का नाम लेकर उनका ध्यान करता है और उनकी ख्याति के बारे में सोचता है स्वामी जी हमेशा ही उस व्यक्ति का हाथ थामते हैं और उसका कल्याण करते हैं।
Odia sa book publish karna chahiye
ReplyDeleteApne bahut achhi jaankari di.
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